कोल इंडिया और सिंगरेनी कॉलरिज वर्कर्स की सामूहिक हड़ताल

कोल इंडिया और सिंगरेनी कोल रिज कंपनी लिमिटेड के वर्कर ने मंगलवार को एक दिनी हड़ताल से कोल इंडिया के उत्पादन को 57% का झटका लगा यह जानकारी कंपनी द्वारा ज्ञात हुई यह हड़ताल दो सरकारी उपक्रमों में ऑटोमेटिक रूप से 100 फ़ीसदीविदेशी निवेश को केंद्र सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के विरोध मे थी हड़ताल 5 सेंट्रल यूनियनों आई एन टी यू  सी  एच एम एस अआई त यू एस  सी आई टी यू  एन आई सी सी त यू  ने बुलाई थी अधिकारी ने कहा कोल  इंडिया  सामान्य स्थितियों  में हर रोज औसतन 10.8 लाख टन का उत्पादन होता है लेकिन मंगलवार को केवल 4.6 लाख टन का उत्पादन हुआ क्योंकि पिछले दिन केवल 36 फ़ीसदी वर्कर कार्य के दौरान मौजूद रहे कोल इंडिया का देश के हाईफ्यूल उत्पादन में .लगभग 80 फ़ीसदी योगदान है यह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन कंपनी हैं अप्रैल 2019 को इसकी मेन पावर 2. 8 लाख लोगों की थी कंपनी का 2018 और 2019 वित्त वर्ष में कुल कोयला उत्पादन 606.88 मिलीयन टन रहा जबकि लक्ष्य 610 टन का था मौजूद वित्त वर्ष में कोल इंडिया का लक्ष्य 660 मिलियन टन कोयला उत्पादन का है 1977 के बाद कोल इंडिया में सबसे बड़ी हड़ताल रही इसके कारण कोयला उत्पादन और सरकार को बड़ा झटका लगा इस समय अन्य कंपनियां अर्थव्यवस्था में सुस्ती चलने के कारण अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही है मगर कोल इंडिया ( सीआईएल ) मैं बड़ी संख्या में भर्ती करने वाली है लगभग 9000 लोगों की भर्ती होने वाली है जिसमें 4000 लोगों की भर्ती उच्च अधिकारी पदों पर होना है  कोल इंडिया कोयले का उत्पादन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है यह भारतीय रेलवे के बाद सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाली दूसरी बड़ी सरकारी कंपनी है इसमें करीब इसमें लगभग 180000 लोग नौकरी में कार्यरत हैं और करीब 18000 कर्मचारी ऑफिसर पदों पर कार्यरत है  कोल इंडिया की स्थापना 1975 में  होने के बाद पुराने कर्मचारी रिटायरमेंट होने के पश्चात नई की नियुक्तियां होने वाली है इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह कितने परिवारों का पालन पोषण करती है